आपके मां बनने का सपना छीन सकती है गर्भशय की गांठ, इन लक्षणों से करें इसकी पहचान
-1752635198963.webp)
फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids) जिसे गर्भाशय की गांठ या रसौली भी कहा जाता है, इन दिनों महिलाओं में बहुत ही आम समस्या है। एक दशक पहले गर्भाशय में गांठ की परेशानी 30 से 45 वर्ष की महिलाओं में पाई जाती थी, लेकिन अब 20, 22 और 25 साल की वर्ष की लड़कियों में भी गर्भाशय में गांठ की समस्या देखी जाती है। गर्भाशय में गांठ के बढ़ते मामलों के बीच ये सवाल यह उठता है कि क्या फाइब्रॉइड बांझपन (Infertility) का कारण बन सकते हैं? क्या गांठों से गर्भधारण में परेशानी होती है? जुलाई का महीना जब फाइब्रॉइड अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जा रहा है, तो इन सवालों का जवाब जानना जरूरी है।\
फाइब्रॉइड क्या होते हैं?
प्रिस्टीन केयर फर्टिलिटी की चेयरपर्सन और चीफ आईवीएफ कंसल्टेंट डॉ. इला गुप्ता के अनुसार, फाइब्रॉइड एक प्रकार की गैर-कैंसरयुक्त (Non-cancerous) गांठ होती हैं जो गर्भाशय की मांसपेशियों में विकसित होती हैं। इन्हें लियोमायोमा (Leiomyoma) भी कहा जाता है। गर्भाशय में बनने वाली ये गांठें किसी छोटे से बीज से लेकर बड़े तरबूज के आकार की भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः क्या ज्यादा ट्रैवल करने से पीरियड साइकल प्रभावित होता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
क्या गर्भाशय की गांठों से फर्टिलिटी प्रभावित होती है-
डॉ. इला गुप्ता का कहना है कि कुछ मामलों में गर्भाशय की गांठ गर्भधारण करने में परेशानी का कारण बन सकते हैं। हालांकि हर गर्भाशय की गांठ फर्टिलिटी को प्रभावित करे, ऐसा करना भी सही नहीं होगा। फर्टिलिटी एक्सपर्ट बताती हैं कि ज्यादातर महिलाओं को गर्भाशय में गांठों की जानकारी ऐसे समय में होती है, जब वो प्रेग्नेंसी कंसीव करने की प्लानिंग कर रही होती हैं।
इसे भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में दृष्टि धामी ने भारी डंबल्स के साथ किया वर्कआउट, डॉक्टर से जानें क्या ऐसा करना है सेफ?
गर्भाशय की गांठ फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करते हैं?
डॉ. इला गुप्ता के अनुसार, कोई भी गर्भाशय की गांठ फर्टिलिटी को किस प्रकार से प्रभावित करती है, ये मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि गर्भाशय पर उसका असर कैसे हो रहा है। गर्भाशय में बनने वाली गांठों की संख्या कितनी हैं और गर्भाशय में वे कहां स्थित हैं।
1. फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक करना: अगर फाइब्रॉइड ट्यूब के पास हों, तो यह शुक्राणु और अंडाणु के मिलने की प्रक्रिया को रोकता है, जिससे नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी होती है।
इसे भी पढ़ेंः क्या नाभि खिसकने से पीरियड्स डिस्टर्ब होता है? बता रहे हैं डॉक्टर
2. गर्भाशय की आकृति को बिगाड़ना: कुछ फाइब्रॉइड गर्भाशय की भीतरी परत को दबाने का काम करते हैं। इससे अंडाणु और शुक्राणु द्वारा बनने वाले भ्रूण को सुरक्षित जगह नहीं मिल पाती है। इससे भी प्रेग्नेंसी कंसीव करने में दिक्कत आती है।
3. हार्मोनल असंतुलन: डॉक्टर बताते हैं कि गर्भाशय में बनने वाली कुछ गांठ महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का संतुलन बिगाड़ती हैं। इससे ओवुलेशन पर असर पड़ता है और गर्भधारण नहीं हो पाता है।
4. बार-बार मिसकैरेज: गर्भाशय की गांठों के कारण कई महिलाओं का बार-बार गर्भपात होता है। इससे महिलाएं शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर हो जाती हैं और उन्हें भविष्य में प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं होती है।
इसे भी पढ़ेंः महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने पर दिखाई देते हैं ये 7 संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज
गर्भाशय में गांठ के प्रमुख लक्षण
फर्टिलिटी एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादा महिलाओं में शुरुआती चरण में गर्भाशय में गांठ होने का कोई लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन इसके बावजूद शरीर के अंदर होने वाले कुछ बदलावों से गर्भाशय की गांठ का पता लगाया जा सकता है।
- पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना
- पीरियड्स के बिना भी योनि से खून आना
- पेट या पेल्विक क्षेत्र में दर्द महसूस करना
- बार-बार पेशाब आना
- कब्ज या मल त्याग में परेशानी

गर्भाशय में गांठ का पता कैसे चलता है
जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, हैवी ब्लीडिंग की परेशानी हो रही हैं, उन्हें बिना देरी किए स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर नीचे बताए गए टेस्ट के जरिए गर्भाशय में गांठ का पता लगा सकते हैं।
1. पेल्विक एग्जामिनेशन: इस प्रक्रिया में डॉक्टर महिला के पेट को छूकर गांठ का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
2. अल्ट्रासाउंड (USG): अल्ट्रासाउंड सबसे आसान और सटीक तरीका है गर्भाशय में गांठ का पता लगाने का। साधारण अल्ट्रासाउंड से भी अधिकतर गर्भाशय की गांठ की पहचान हो सकती है।
3. हिस्टेरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी: डायग्नोसिस के साथ गर्भाशय में गांठ के इलाज की संभावना कई गुणा तक रहती है।
इसे भी पढ़ेंः रुके हुए पीरियड्स को जल्द लाने में मदद करेगा ये हर्बल काढ़ा, न्यूट्रिश्निस्ट से जानें रेसिपी
क्या फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंसी संभव है?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर कहती हैं कि अगर गर्भाशय में गांठ का आकार छोटा है और उसका इलाज सही समय पर किया जाए, तो प्रेग्नेंसी बिल्कुल संभव होती है।
निष्कर्ष
फाइब्रॉइड यानी कि गर्भाशय की गांठ एक आम लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है। यह सभी महिलाओं में गर्भधारण में बाधा नहीं डालते, लेकिन कुछ मामलों में यह बांझपन का बड़ा कारण बन सकते हैं, खासकर जब उनका आकार बड़ा हो या वह गर्भाशय की भीतरी परत में हों। इसलिए हम ये कह सकते हैं कि गर्भाशय की गांठ फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। डॉ. इला का कहना है कि अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं और लंबे समय से कोई प्रगति नहीं हो रही है, तो चुपचाप इंतजार करने की बजाय जांच जरूर करवाएं। कई बार एक छोटा सी गर्भाशय की गांठ भी आपकी प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी का कारण बन सकती है।
Image Credit: Freepik.com
FAQ
-
क्या गर्भाशय की गांठ कैंसर होती है?
नहीं, ज्यादातर मामलों में गर्भाशय की गांठ सौम्य (Benign) होती है और कैंसर में नहीं बदलती। हालांकि दुर्लभ मामलों में मायलोमा जैसी सारकोमा बन सकती है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है। -
गर्भाशय में गांठ बनने के कारण क्या हैं?
इसके प्रमुख कारण हैं: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन, आनुवंशिक कारण, मोटापा और शरीर में विटामिन-डी की कमी। -
क्या सभी महिलाओं को गर्भाशय की गांठ के लक्षण दिखाई देते हैं?
नहीं, कई बार ये गांठें बिना किसी लक्षण के पाई जाती हैं और रूटीन अल्ट्रासाउंड या जांच में पता चलती हैं।
Popular Searches
Service: Best IVF Centre in Delhi | Best IVF Doctor in Delhi | Best Ivf Clinic In Delhi | Best Ivf Doctor In Delhi NCR | Best Fertility Doctor In Delhi | Best Infertility Specialist In Delhi | Best Fertility Clinic Delhi | Infertility Treatment in Delhi | Blastocyst Transfer | Oocyte and Embryo Freezing | Fertility Enhancing Laparoscopy and Hysteroscopy | Artificial Insemination (IUI) | Donor Egg IVF | Testicular Aspiration | Infertility Counselling | IMSI | Donor Sperm IVF | Microtesa | ICSI | Assisted Hatching | Surrogacy | Pre Genetic Screening And Diagnosis |
- Best IVF doctor in Delhi
- IVF doctor in South Delhi
- An infertility doctor in Malviya Nagar
- Best Male Infertility Specialist in Delhi
- IVF specialist in South Delhi
- Best IVF doctor in Delhi
- Best Infertility specialist in South Delhi
- Fertility Doctor in Delhi
- Best IVF doctor in Delhi
- Best Infertility specialist in South Delhi
- Fertility Doctor in Delhi
Blogs : Difference Between Sterility and Infertility | IVF Age Limit | Factors Affecting Fertility | Causes of Increased Estrogen in Females | Ivf is Painful or Not | Sperm Washing Process | Donor Egg Ivf Success Rates In India | Young Couples Choosing IVF | Sterile and Infertile Difference